गुमला :राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी की गरिमामयी उपस्थिति में आज गुमला में आयोजित ‘अंतर्राज्यीय जन सांस्कृतिक समागम सह कार्तिक जतरा’ के अवसर पर राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि गुमला की धरती केवल संस्कृति और परंपरा की ही नहीं, बल्कि साहस, संघर्ष, स्वाभिमान और राष्ट्रभक्ति की प्रतीक रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति का यह प्रवास राज्य के लिए अत्यंत प्रेरणादायी है।
राज्यपाल ने इस पावन अवसर पर राष्ट्रपति का झारखण्ड की वीर और जनजातीय परंपराओं से समृद्ध भूमि पर आगमन हेतु हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ के राज्यपाल एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री तथा विभिन्न राज्यों से आए कलाकारों व संस्कृतिप्रेमियों का भी स्वागत किया।
राज्यपाल ने कहा कि झारखण्ड राज्य के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करने के उपरांत उन्होंने राज्य के लगभग सभी जिलों के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण कर आमजनों से संवाद स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि ‘लोक भवन’ को राज्य के प्रत्येक नागरिक तक पहुँचाना और इसे आम नागरिकों के हितों के संरक्षक के रूप में सक्रिय बनाना उनका दृढ़ संकल्प है। उन्होंने स्पष्ट किया कि लोकतंत्र की वास्तविक शक्ति जनता से जुड़े रहने में ही निहित है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड के लोग अत्यंत परिश्रमी हैं तथा राज्य की महिलाएँ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में सराहनीय कार्य कर रही हैं, जिससे सामाजिक नेतृत्व और आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिल रही है।
राज्यपाल ने राष्ट्रपति के झारखण्ड के राज्यपाल के रूप में कार्यकाल का उल्लेख करते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन एवं प्रेरणा से राज्य के कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों की स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि झारखण्ड की कुल जनसंख्या में लगभग 28 प्रतिशत जनजातीय समुदाय का योगदान है तथा राज्य में 32 अनुसूचित जनजातियाँ एवं कई प्रकार के पीवीटीजी निवास करते हैं। उन्होंने कहा कि इनके सर्वांगीण विकास के लिए अनेक योजनाएँ संचालित की जा रही हैं, जिनका लाभ उन सभी तक पहुँचाना सामूहिक दायित्व है।
राज्यपाल ने कहा कि अंतर्राज्यीय सांस्कृतिक समागम विभिन्न राज्यों की लोक-परंपराओं, नृत्य, संगीत, वेश-भूषा और जीवन-दर्शन को एक मंच पर लाने का सराहनीय प्रयास है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन प्रधानमंत्री जी की “एक भारत–श्रेष्ठ भारत” की संकल्पना को साकार करते हैं तथा राष्ट्रीय एकता, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक सौहार्द को सुदृढ़ करते हैं। उहोंने राष्ट्रपति के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए विश्वास प्रकट किया कि उनका यह प्रवास जनजातीय समाज, महिलाओं और युवाओं को आगे बढ़ने की नई दिशा प्रदान करेगा।
कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के जिला अध्यक्षों और कार्यकारिणी की बैठक !
रांची : झारखंड प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के जिला अध्यक्षों और कार्यकारिणी की बैठक आज कांग्रेस भवन स्थित लंबोदर...










